How to get fire license in UP: देखें आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़ और शुल्क

Fire license in UP: उत्तर प्रदेश में फायर लाइसेंस एक ऐसा दस्तावेज़ है जो राज्य के फायर डिपार्टमेंट से मिलता है। इससे ये पता चलता है कि कोई इमारत या कंपनी आग से बचाव के सारे नियमों को मानती है।

इस लाइसेंस को पाने के लिए कुछ काम करने पड़ते हैं। पहले तो आपको एक फॉर्म भरना होगा और कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे। फिर फायर डिपार्टमेंट के लोग आकर जाँच करेंगे कि सब कुछ ठीक है या नहीं। अगर कुछ और करना हो तो वो बताएँगे। उसके बाद फीस भरनी होगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आपको ये लाइसेंस मिल जाएगा।

ये भी पढ़ें: UP Social Media Policy 2024: देशविरोधी पोस्ट पर उम्रकैद की सजा, यूट्यूबर्स के लिए 8 लाख तक के विज्ञापन का मौका भी

उत्तर प्रदेश में Fire NOC प्राप्त करने की प्रक्रिया:

  1. आवेदन पत्र जमा करना: स्थानीय फायर विभाग में आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज़ और भवन के नक्शे जमा करें।
  2. निरीक्षण: फायर विभाग द्वारा परिसर और उपकरणों का निरीक्षण किया जाएगा।
  3. निर्देशों का पालन: फायर विभाग द्वारा बताए गए आवश्यक अग्नि सुरक्षा उपायों का पालन करें।
  4. फीस का भुगतान: आवश्यक शुल्क का भुगतान करें।
  5. फायर एनओसी जारी करना: सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद फायर एनओसी जारी किया जाएगा।

Fire NOC प्राप्त करने के लिए नियम:

फायर एनओसी पाने के नियम हर जगह और हर इमारत के लिए अलग-अलग होते हैं। पर कुछ आम बातें हैं जो सबको ध्यान रखनी पड़ती हैं। जैसे: बिल्डिंग में आग से बचाव के कुछ खास इंतजाम होने चाहिए। फिर जो भी सामान लगाया जाए, उसे ठीक से लगाना और देखभाल करना जरूरी है। और हां, समय-समय पर कोई आकर चेक भी करता है कि सब कुछ नियम के मुताबिक चल रहा है या नहीं।

  1. न्यूनतम अग्नि-सुरक्षा रेटिंग: इमारत को एक निश्चित न्यूनतम अग्नि सुरक्षा रेटिंग प्राप्त करनी होती है।
  2. उपकरणों की स्थापना और रखरखाव: अग्नि सुरक्षा उपकरणों को नियमों के अनुसार स्थापित और बनाए रखना आवश्यक है।
  3. नियमित निरीक्षण: अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किए जाने चाहिए।

इन नियमों का पालन करके और सभी आवश्यक चरणों को पूरा करके, फायर एनओसी प्राप्त किया जा सकता है, जो किसी भी व्यावसायिक या आवासीय परियोजना के लिए आवश्यक है।

फायर लाइसेंस को लोग एनओसी भी कहते हैं, मतलब नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट। ये एक तरह का कागज होता है जो सरकार की तरफ से मिलता है। आपके शहर में जो फायर डिपार्टमेंट होता है, वही इसे देता है। ये कागज बताता है कि आपकी बिल्डिंग में आग से बचाव के सारे इंतजाम ठीक-ठाक हैं।

अब ये सिर्फ घरों के लिए नहीं होता। मान लो आपकी कोई दुकान है, या फिर कोई कारखाना, या फिर कोई ऐसी जगह जहां बहुत सारे लोग आते-जाते हैं, जैसे कि मॉल या सिनेमा हॉल। इन सब जगहों के लिए ये फायर लाइसेंस जरूरी होता है।

इस लाइसेंस का मतलब होता है कि आपने आग से बचाव के सारे जरूरी काम कर रखे हैं। जैसे कि आग बुझाने की मशीनें लगी हुई हैं, बाहर निकलने के रास्ते साफ हैं और ऐसी ही कई सारी चीजें।

ये भी पढ़ें: UP pharmacy council registration process in Hindi: यहाँ देखिये बिल्कुल आसान तरीका

फायर लाइसेंस पाने में कितना समय लगता है, ये कई बातों पर निर्भर करता है। जैसे कि आपका बिज़नेस कितना बड़ा है, आपने सारे कागज़ात (दस्तावेज) सही से जमा किए हैं या नहीं और फायर डिपार्टमेंट पर कितना काम है।

आम तौर पर अगर आप सारी ज़रूरतें पूरी कर लेते हैं और इंस्पेक्शन में सब कुछ ठीक रहता है, तो फायर लाइसेंस मिलने में करीब एक से दो महीने लग जाते हैं। कभी-कभी जल्दी भी हो जाता है, और कभी थोड़ा देर भी लग सकती है।

फायर एनओसी के दो तरह के सर्टिफिकेट होते हैं:

पहला है अस्थायी सर्टिफिकेट: ये तब मिलता है जब आप बिल्डिंग बनाना शुरू करते हैं। इसमें देखा जाता है कि आपका प्लान फायर डिपार्टमेंट के सारे नियमों को मानता है या नहीं।

दूसरा है फाइनल सर्टिफिकेट: ये तब मिलता है जब आपकी बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाती है। इसमें फायर डिपार्टमेंट चेक करता है कि जो उन्होंने पहले कहा था, वो सब कुछ ठीक से किया गया है या नहीं। वे देखते हैं कि सारे आग बुझाने वाले उपकरण सही जगह पर लगे हैं या नहीं। अगर सब कुछ ठीक होता है, तभी वे फाइनल सर्टिफिकेट देते हैं।

फायर एनओसी (Fire NOC) के लिए आवश्यक दस्तावेज़:

  • आवेदन पत्र
  • घर के नक्शे
  • उपयोग प्रमाणपत्र (Occupancy Certificate)
  • अन्य प्राधिकरणों से प्राप्त एनओसी
  • अग्नि सुरक्षा उपकरणों का विवरण
  • बीमा प्रमाणपत्र
  • शुल्क भुगतान का प्रमाण
  • राज्य अग्निशमन विभाग द्वारा मांगा गया कोई अन्य दस्तावेज़

फायर लाइसेंस (fire license):

फायर लाइसेंस एक कानूनी दस्तावेज़ होता है जो राज्य अग्निशमन विभाग द्वारा जारी किया जाता है। यह दस्तावेज़ किसी व्यक्ति या संगठन को अग्नि सुरक्षा उपकरण जैसे फायर एक्सटिंग्विशर, स्प्रिंकलर, अलार्म, और होज़ रील्स को स्थापित, रखरखाव, और उपयोग करने की अनुमति देता है।

भारत में फायर लाइसेंस लेने का तरीका कुछ इस प्रकार है:

सबसे पहले आपको अपने इलाके के फायर डिपार्टमेंट में एक फॉर्म भरना होगा। फिर कुछ कागजात (दस्तावेज) देने होंगे, जैसे कि बिल्डिंग का नक्शा और लोकल अथॉरिटी से मिला एनओसी वगैरह।

इसके बाद फायर डिपार्टमेंट के लोग आएंगे और आपकी जगह को अच्छे से चेक करेंगे। फिर आपको कुछ पैसे भरने होंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आपको फायर लाइसेंस मिल जाएगा। पर ध्यान रहे, इसे कुछ समय बाद फिर से नया करवाना पड़ता है।

अब ये नियम हर जगह और हर तरह की बिल्डिंग के लिए थोड़े अलग-अलग होते हैं। पर कुछ आम बातें हैं:

जैसे: आपकी बिल्डिंग में आग से बचाव के कुछ खास इंतजाम होने चाहिए। फिर जो भी सामान लगाया जाए, उसे ठीक से लगाना और उसकी देखभाल करना जरूरी है। और हां बीच-बीच में कोई आकर चेक भी करेगा कि सब कुछ नियम के हिसाब से चल रहा है या नहीं।

प्रश्न: फायर लाइसेंस क्या होता है?
उत्तर: फायर लाइसेंस एक सरकारी दस्तावेज़ है जो फायर डिपार्टमेंट द्वारा दिया जाता है। यह प्रमाणित करता है कि किसी इमारत या व्यवसाय में आग से बचाव के सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं।

प्रश्न: फायर एनओसी सर्टिफिकेट के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: फायर एनओसी के दो प्रकार होते हैं – अस्थायी सर्टिफिकेट, जो निर्माण शुरू करने से पहले मिलता है, और फाइनल सर्टिफिकेट, जो इमारत पूरी होने के बाद दिया जाता है।

प्रश्न: फायर लाइसेंस पाने में कितना समय लगता है?
उत्तर: सामान्यतः फायर लाइसेंस पाने में एक से दो महीने का समय लग सकता है, लेकिन यह समय विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।

प्रश्न: फायर एनओसी के लिए कौन से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
उत्तर: फायर एनओसी के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों में आवेदन पत्र, इमारत के नक्शे, उपयोग प्रमाणपत्र, अग्नि सुरक्षा उपकरणों का विवरण और शुल्क भुगतान का प्रमाण शामिल हैं।

प्रश्न: फायर लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: फायर लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए स्थानीय फायर डिपार्टमेंट में फॉर्म भरना, आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना, निरीक्षण करवाना और फीस का भुगतान करना होता है। इसके बाद, सभी नियमों का पालन करने पर लाइसेंस जारी किया जाता है।

    Leave a Comment